
महेश वाष्र्णेय
यूनिक समय, मथुरा। पौष की फुस्सकार से हर कोई ठिठुरने लगा है। वह चाहे इंसान हो या भगवान। गर्म कपड़ों से सभी को पैक किया जा रहा है। घर के मंदिर में ठाकुरजी की प्रतिमाओं को गर्म कपड़े धारण कराए जा रहे हैं तो मंदिर में विराजमान भी इससे पीछे नहीं है। ठंड से बचाने के लिए ठाकुर राधाबल्लभ लाल महाराज के सामने तो कोयले की अंगीठी जलाया जाना शुरु हो गया है।
आसमान में छाई कोहरे की धुंध में भगवान भास्कर भी निकलने के लिए दम लगा रहे हैं। इस कारण आज सुबह से ठंड का अहसास लोगों ने किया। घरों में बच्चों को गर्म कपड़ों में पैक कर दिया गया है। घर से बाहर निकलने वाले लोग भी गर्म कपड़े पहनकर बाहर निकल रहे हैं। कई घरों में आग जलाकर ठंड की ठिठुरन को दूर किया जा रहा है। इसी तरह के नजारे बाजार और सड़क के किनारे देखने को मिले। दुकानों पर हीटर की बिक्री बढ़ गई है।
ठंड का असर इतना अधिक देखा जा रहा है कि मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी की मूर्तियों को गर्म कपड़ों में सजाया जा रहा है। गर्म कपड़ों में ठाकुरजी इतने मनमोहक लग रहे हैं, कि श्रद्धालुओं की नजर निहारती रह जाती है। मंदिर के सेवायतों का मानना है कि ठाकुरजी को ठंड लगती है। इसलिए तो गर्म पोशाक का श्रंगार किया जा रहा है। शारदा देवी का कहना है कि ठाकुरजी का बाल स्वरुप है। छोटे बच्चोंं को ठंड लगती है, वैसे ही उसके बाल गोपाल स्वरुप ठाकुरजी को भी ठंड का अहसास होता है। इसलिए गर्म कपड़ों की पोशाक धारक कराकर उनको ठंड से बचाया जाता है।
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