लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। जिसके साथ साथ बीते दिनों पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले की सुरक्षा में चूक का मुद्दा भी बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। चुनाव से ठीक पहले देश के प्रधानमंत्री व बीजेपी के सबसे चर्चित नेताओं में गिने जाने वाले नरेंद्र मोदी के साथ हुई यह घटना यूपी चुनाव में एक बड़ा बदलाव कर सकती है। हालांकि, राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, साल 2017 में प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर लड़ा गया, जिसके चलते यूपी में बीजेपी की बहुमत के साथ सरकार बनी। अब 2022 के चुनाव से पहले इतनी बड़ी घटना ने लोगों की प्रधानमंत्री मोदी के प्रति जो भावनाएं हैं, उन्हें बढ़ाने का काम किया है, जिसका फायदा इस चुनाव में बीजेपी को जोर-शोर के साथ मिल सकता है।
यूपी के राजनीतिक मुद्दों की बड़ी समझ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार बिश्वजीत भटाचार्या ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखते हुए कहा कि यूपी में रैलियां न होने से मुद्दे गायब हो गए हैं। जातिवाद की राजनीति शुरू हो गई है। 15 जनवरी तर रैली पर रोक होने की वजह से सन्नाटा रहेगा। रैली पर रोक लग जाने की वजह से कहीं न कही ये मुद्दा सही से नहीं उठ पा रहा है। बीजेपी को इस मुद्दे का फायदा होगा। हालांकि यूपी की राजनीति जाति समीकरण का फैक्टर ज्यादा चलता है इस वजह से इस मुद्दे का यूपी में ज्यादा खास असर नहीं पड़ेगा। बीजेपी इसको अच्छा मुद्दा बना सकती थी लेकिन रैली पर रोक लगने से ये मामला सीमित रह गया।
वरिष्ठ पत्रकार नवलकांत सिन्हा ने कहा कि प्रधाममंत्री की ब्रैडिंग बनी हुई है। पीएम से यूपी के लोगों का इमोशनल एटैचमेंट है, यही वजह है कि बीजेपी विपक्षी दल अपने बयानों मे पीएम मोदी पर निशाना नहीं साधता है। पंजाब में इस घटना का फायदा भले ही कांग्रेस को हो जाए लेकिन यूपी में क्यों की कांग्रेस हासिये पर है इस वजह से यूपी में इसकी सीधा नुकसान अखिलेश को हो सकता है।
राजनीतिक विशेषज्ञ व वरिष्ठ पत्रकार सौरभ मालवीय ने बताया कि उत्तर प्रदेश का चुनाव हो, पंजाब का चुनाव हो या देश के किसी भी राज्य का चुनाव हो। प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक की घटना यूपी चुनाव के बीजेपी को एक बड़ा लाभ पहुंचा सकती है और इसका लाभ कहीं न कहीं बीजेपी को मिल भी रहा है। जैसा कि सभी लोग देखते हैं कि बीजेपी की ओर से चुनावी लाभ लेने के लिए मोदी का चेहरा हर पोस्टर, हर बैनर व हर स्लोगन में उपयोग होता है। तो जाहिर है, इस घटना का भी बीजेपी की ओर से यूपी चुनाव में बड़ा उपयोग होगा। साथ ही बीते चुनाव की तरह इस चुनाव में भी बीजेपी को इसका लाभ भी पहुंचेगा।
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