देहरादून, राज्य ब्यूरो। स्वास्थ्य महकमे में तकरीबन 350 डॉक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने विभाग में नियुक्ति पाने के बाद ज्वाइनिंग ही नहीं दी। इनके न आने पर पद तो रिक्त घोषित कर दिए गए, लेकिन विभाग की सूची से इनका नाम नहीं हटा।
शासन में जब वरिष्ठता तय करने के लिए सूची भेजी गई तब जाकर यह बात पकड़ में आई। इनकी संख्या तकरीबन 350 के आसपास है। ऐसे में अब इनका नाम सूची से हटाने के लिए पत्रावली तैयार कर मुख्यमंत्री कार्यालय अनुमोदन को भेजी गई है।
शासन में इस समय डॉक्टरों की वरिष्ठता सूची बनाने का काम चल रहा है। शासन ने इसके लिए विभाग से एक-एक डॉक्टर की जानकारी मांगी। शुरूआत में रिक्त पदों के सापेक्ष डॉक्टरों की संख्या कहीं अधिक पाई है। इस पर जब विस्तृत पड़ताल की गई तब पता चला कि तकरीबन 350 डॉक्टर ऐसे हैं, जिनकी नियुक्ति तो हुई, लेकिन उन्होंने विभाग में कभी ज्वाइनिंग ही नहीं दी।
इसके अलावा 147 डॉक्टर ऐसे मिले जिन्होंने विभाग में ज्वाइनिंग तो दी लेकिन कुछ दिनों तक काम करने के बाद वे गायब हो गए। ऐसे डॉक्टरों को शासन ने एक और मौका देने का निर्णय लिया गया है। इन सभी को शासन ने एक सप्ताह के भीतर ज्वाइनिंग करने के निर्देश दिए हैं।
ऐसा न करने पर उनकी सेवाएं समाप्त करने के साथ ही बांडधारी डॉक्टरों से बांड के अनुसार दंड वसूलने की तैयारी भी की गई है। इसके लिए विधिक कार्रवाई करने तक की चेतावनी दी गई है। एक सप्ताह बाद यदि कोई डॉक्टर वापस नहीं आता तो उसी लिहाज से शासन अपनी वरिष्ठता सूची को अंतिम रूप दे देगा।
वहीं, ज्वाइनिंग न देने वाले 350 डॉक्टरों का नाम सूची में से हटाने के लिए पत्रावली तैयार की गई है। जिसे अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया गया है। गौरतलब है कि उत्तराखंड में पर्याप्त स्टाफ न होने के कारण उत्तराखंड के ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। वहां के स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ रेफरल सेंटर बने हुए हैं।
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