कोरोना पर पेट की रोटी भारी

यूनिक समय, वृंदावन। मंदिरों की नगरी में भिक्षावृत्ति कर पेट भरने वाले लोगों को शायद कोरोना संक्रमण का डर नहीं है। इसलिए तो वह मुंह पर मास्क नहीं लगाते है और सोशल डिस्टेंसिग करते हैं। उनको अंदाज नहीं है कि यदि वह कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए तो संपर्क में आने वाले कितने लोगों को कोरोना संक्रमण की बीमारी देंगे।

इस नगरी में हर रोज सुबह कहीं न कहीं। किसी न किसी आश्रम से रोटी, चाय, चना और पूआ का वितरण होता है। ऐसे आश्रमों के बाहर लंबी लाइन लगी देखी जा सकती है। हैरत की बात तो यह है कि यहां लाइन में लगने वाले लोगों के मुंह पर मास्क तक नहीं होता और न ही उनके बीच सोशल डिस्टेंसिंग होता।
नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस ओर कभी ध्यान नहीं दिया। एकादशी के दिन तो एक नहीं कई जगह ऐसे नजारे देखने को मिले।

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