दिल्ली में तेजी से फैल रहा है H3N2 संक्रमण, डॉक्टरों ने दी मास्क लगाने की सलाह

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दिल्ली इन दिनों इन्फ्लूएंजा ए के एच3एन2 वायरस के संक्रमण की चपेट में है। हर घर में लोग खांसी, गले में खराश व दर्द से परेशान हो रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि यह वायरस कोरोना से भी तेजी से फैल रहा है।

राहत की बात यह है कि ज्यादातर मरीजों में इसका संक्रमण श्वसन तंत्र के ऊपरी हिस्से तक सीमित रहता है। बहुत कम मरीजों को फेफड़े में संक्रमण होता है। इसलिए यह ज्यादा जानलेवा नहीं है। फिर भी संक्रमण से बचाव के लिए सफदरजंग अस्पताल ओपीडी में डाक्टरों, कर्मचारियों व मरीजों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य करेगा।

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. बीएल शेरवाल ने कहा कि मंगलवार को आदेश जारी हो जाएगा। इसलिए ओपीडी में हर किसी को मास्क पहनना पड़ेगा। डा. शेरवाल ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने अलर्ट भी जारी किया है। इसका संक्रमण कोरोना से भी तेजी से फैल रहा है और खांसी तीन सप्ताह तक रह रही है। इसके मद्देनजर अस्पताल में फ्लू क्लीनिक भी शुरू किया गया है।

लोकनायक अस्पताल के इमरजेंसी की प्रभारी डा. रितु सक्सेना ने बताया कि एच3एन2 के संक्रमण के कारण इमरजेंसी में मरीज थोड़े बढ़े हैं। बुजुर्गों व बच्चों को परेशानी अधिक हो रही है। खास तौर पर जिन्हें पहले से मधुमेह, अस्थमा, सांस की बीमारी बीमारी है, उन्हें समस्या अधिक हो रही है। कुछ मरीजों को आइसीयू में भर्ती करने की जरूरत भी पड़ रही है। युवाओं को ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन कुछ लोगों को खांसी लंबे समय तक रह रही है।

सफदरजंग अस्पताल के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ डा. नीरज गुप्ता ने कहा कि इसके संक्रमण से बुखार, डायरिया, मिचली, उल्टी इत्यादि की समस्या देखी जा रही है। बुखार दो से तीन दिन में ठीक हो रहा है, लेकिन कुछ लोगों में खांसी तीन सप्ताह तक चल रही है। रात में सोते समय परेशानी अधिक होती है। गला सूखने पर खांसी अधिक आती है। इसलिए पानी पर्याप्त मात्रा में पीते रहें और गले को तर रखें। इससे खांसी कम आएगी। खुद से एंटीबायोटिक या कोई दवा नहीं लें। डाक्टर से दिखाकर ही दवा लें।

गंगाराम अस्पताल के चेस्ट मेडिसिन के विशेषज्ञ डा. बाबी भालोत्रा ने बताया कि जिन लोगों का फेफड़ा पहले से कमजोर है, ऐसे कुछ मरीजों को एच3एन2 का संक्रमण होने के कारण आक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। इस वजह से कुछ मरीजों को आइसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है। हालांकि, लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। फ्लू की असरदार दवा मौजूद है।

डा. नीरज गुप्ता ने कहा कि मौसम में बदलाव होने और ऐसे सीजन में अक्सर फ्लू का संक्रमण बढ़ जाता है। प्रदूषण और वातावरण में धूल के कारण भी संक्रमण अधिक फैलता है। इससे बचाव के लिए मास्क पहनना चाहिए। अब तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है। गर्मी बढ़ने के साथ इस बीमारी का प्रकोप कम होेगा और यह खत्म हो जाएगी।

डाक्टरों के अनुसार, पीला और हरा बलगम निकलना गंभीर लक्षण हो सकता है। इसके अलावा छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी हो, तो तुरंत डाक्टर से संपर्क करें।

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