सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में ढेर किया लश्कर का कमांडर

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के गडोल जंगल में भारतीय सेना की ओर से चलाए गए एनकाउंटर में लश्कर का एक स्थानीय कमांडर मारा गया है। सेना की ओर से बताया गया है कि सात दिन से सेना इस अभियान में जुटी थी। लश्कर आतंकी की मौत के बाद ऑपरेशन भी खत्म हो गया है। हालांकि, दूसरे आतंकवादी के शव की तलाश जारी रहेगी।

जानकारी के मुताबिक, इसाके में सप्ताहभर से सैकड़ों मोर्टार गोले, रॉकेट और भारी गोलाबारी जारी थी। इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के तीन अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हिमायूं भट समेत चार सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। तभी से सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी थी।

बताया गया है कि कम से कम तीन लश्कर आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष इनपुट के बाद गडोल जंगल में सेना और पुलिस की ओर से संयुक्त ऑपरेशन पिछले बुधवार से शुरू किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि रविवार को मुठभेड़ स्थल पर एक जला हुआ शव मिला था, जिसकी पहचान नहीं हो पा रही थी। सुरक्षा कर्मियों ने इसे मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। मंगलवार को स्थानीय पुलिस ने बताया कि आतंकी की पहचान उजैर खान के रूप में हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि उजैर एक स्थानीय लश्कर आतंकवादी था। एक साल पहले ही वो आतंकियों के समूह में शामिल हुआ था। सामने आया है कि 28 साल का उजैर बुधवार तक अज्ञात था। इसके बाद पुलिस ने कहा कि वह गडोल मुठभेड़ में शामिल तीन लश्कर आतंकवादियों में से एक है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि लश्कर कमांडर उजैर मारा गया है। उसका शव और हथियार बरामद कर लिए गए हैं। हमने एक और आतंकवादी का शव देखा है, लेकिन अभी तक उसे बरामद नहीं किया जा सका है।

विजय कुमार ने स्थानीय लोगों से जंगलों की ओर न जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वहां काफी तादात में गैर-विस्फोटित गोले हैं। कहा कि हम इन गोलों को बरामद करेंगे और उन्हें नष्ट करेंगे। सेना की ओर से कहा गया है कि मुठभेड़ के दौरान उन्होंने एक विशेष अभियान के माध्यम से अधिकारियों के शवों को बरामद किए थे। लापता सैनिक सिपाही प्रदीप सिंह का शव कल बरामद किया गया। आज सेना ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी।

 

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