पतंजलि के बाबा रामदेव को पड़ी पैसों की जरूरत, इस वजह से मांगना पड़ रहा है कर्ज!

नई दिल्ली। रुची सोया को खरीदने के लिए पतंजलि ने सरकारी बैंकों से क़र्ज़ देने की गुहार लगाई है. आपको बता दें कि पतंजलि और रुची सोया के बीच यह सौदा 4,350 करोड़ रुपये में हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी पांच साल के लिए कर्ज लेना चाहती है और उसने एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और जेऐंडके बैंक से संपर्क साधा है. कंपनी 3,700 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बैंकों से लेना चाहती है और 600 करोड़ रुपये का इंतजाम वह अपने स्तर पर करेगी.

एक सूत्र ने कहा, ‘बैंकों से फंड के लिए बातचीत आखिरी दौर में है और जल्द ही ब्याज दर भी फाइनल हो जाएगी. पतंजलि ने पहले कर्ज के लिए नॉन-बैंकिंग चैनल से संपर्क किया था, लेकिन निवेशकों के अधिक डिस्क्लोजर की मांग करने पर वह पीछे हट गई.’ इस खबर के बारे में पूछे गए सवालों के पतंजलि, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक और जेऐंडके बैंक ने जवाब नहीं दिए.

पतंजलि ने इनसॉल्वेंसी ऑक्शन में रुचि सोया को खरीदा है, जिस पर 9,300 करोड़ से अधिक का कर्ज है. इसमें से 1,800 करोड़ रुपये का सबसे अधिक एक्सपोजर एसबीआई का है. इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का एक्सपोजर 816 करोड़ और पीएनबी का 743 करोड़ रुपये है.

वैसे पिछले साल अगस्त में रुचि सोया के लिए सबसे ऊंची बोली अडानी विल्मर ने लगाई थी. तब पतंजलि के साथ उसका कड़ा मुकाबला हुआ था. हालांकि, दिसंबर 2018 में अडानी विल्मर ने रुचि सोया के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल को लेटर लिखकर कहा था कि इनसॉल्वेंसी प्रोसेस में देरी के चलते कंपनी की संपत्ति प्रभावित हो रही है.

अडानी विल्मर के बाहर निकलने के बाद रुचि सोया को खरीदने की रेस में सिर्फ पतंजलि बच गई थी. उसने अप्रैल में बोली 200 करोड़ रुपये बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये कर दी थी. रुचि सोया को खरीदने के बाद पतंजलि सोयाबीन ऑइल और दूसरे प्रॉडक्ट्स की बड़ी सप्लायर बन जाएगी. माना जा रहा है कि इस डील से पतंजलि को अपनी ग्रोथ तेज बनाए रखने में मदद मिलेगी.

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