नई दिल्ली। राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रा समय में कम से कम एक घंटे की कटौती की जाएगी। ट्रेन की गति बढ़ाने के लिए रेलवे इसके आगे और पीछे दो इंजनों के इस्तेमाल की तैयारी में है। सामान्य तौर पर इन ट्रेनों में एक इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। दिल्ली-मुंबई राजधानी एक्सप्रेस में 13 फरवरी को इस मॉडल का सफल परीक्षण भी हो चुका है। दो इंजनों के प्रयोग से इसके यात्रा समय में 106 मिनट की कमी आई। एक अधिकारी ने कहा, ‘यह पूरी तरह मेक इन इंडिया परियोजना है।
दरअसल मुंबई राजधानी में किया गया ट्रायल कामयाब होने के बाद अब रेलवे दूसरी राजधानी ट्रेनों की भी इसी तरह से रफ्तार बढ़ाने पर विचार कर रहा है। रेलवे का मानना है कि इससे न सिर्फ यात्री कम वक्त में अपना सफर पूरा कर सकेंगे बल्कि ट्रैक पर भी ज्यादा ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। हालांकि इस मामले में रेलवे को ऐसी हर ट्रेन में अतिरिक्त इंजन लगाना पड़ेगा।
रेलवे सूत्रों का कहना है कि छत्रपति शिवाजी टर्मिनल और निजामुद्दीन के बीच चलने वाली ट्रेन का 13 फरवरी को कामयाब ट्रायल हुआ। इस से सफर में 106 मिनट की कमी हुई। डबल इंजन लगाने का एक फायदा यह भी हुआ कि इस रूट के रास्ते में कुछ क्षेत्र ऐसा है, जहां पहले भी अलग से इंजन लगाना पड़ता था और फिर बाद में हटाना पड़ता था। जब यह नया प्रयोग किया गया तो इंजन लगाने और हटाने में लगने वाले वक्त में भी बचत हुई।
इसमें भारत में बने रेल के इंजन और डिब्बों का प्रयोग किया जाएगा और अतिरिक्त लागत भी नहीं आएगी। इससे जहां यात्रा समय में कटौती होगी, वहीं बैकिंग लोकोमोटिव इंजन के जोड़ने और हटाने से भी मुक्ति मिलेगी।’ उन्होंने कहा कि ट्रेनों के दोनों किनारों पर लगे इंजन एक केबल के जरिये जुड़े होंगे और एक साथ काम करेंगे। अधिक गति में भी संतुलन बनाने में यह प्रणाली सहायक होगी। इसी प्रकार का एक ट्रायल बांद्रा से निजामुद्दीन स्टेशन के बीच चल रहा है, जिससे ट्रेन को जाते समय 83 और लौटते वक्त 77 मिनट की बचत हुई।
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