थाना क्षेत्र के एक गांव में रविवार को शादी में जूता चुराई के 11 हजार रुपये न देने पर लड़की और लड़का पक्ष में विवाद हो गया। नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। सूचना पर पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले आई। कई घंटे पंचायत के बावजूद बाद नहीं बनी तो लेनदेन लौटाकर समझौता हो गया और बरात बिना दुल्हन के ही लौट गई।
गांव निवासी एक ग्रामीण ने बेटी की शादी मध्य प्रदेश के भिंड जिले के फूफ के युवक के साथ तय की थी। युवक 22 नवंबर को बरात लाया था। जनवासे पर बरात के स्वागत के बाद जयमाल का रस्म पूरी की गई। भांवरों के बाद जूता चुराई की रस्म हुई। सालियों ने जूता चुराने के एवज में 11 हजार रुपये मांगे।
दूल्हे ने इतने रुपये देने से इनकार कर दिया। इससे लड़की पक्ष के लोग खफा हो गए और आरोप लगाने शुरू कर दिए। पहले आरोप लगाया कि जिस लड़के को दिखाया गया उससे शादी नहीं की जा रही है। फिर कहा कि लड़के पक्ष के सभी लोग शराब के नशे में हैं।
इसके बाद दहेज मांगने का आरोप लगाया गया। हाथापाई की नौबत बनती देख लड़की पक्ष के लोगों ने यूपी 112 पर फोन कर दिया। इस पर पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों पक्ष के लोग सैफई थाने लाए गए।
यहां शाम तक पंचायत चली लेकिन बात नहीं बनी। यहां भी लड़की पक्ष के लोगों ने 2 लाख नगद तिलक के समय देने की बात कही। आरोप लगाया कि विदाई के समय और दहेज मांग रहे थे। पंचायत में कोई हल नहीं निकला, लड़की भी ससुराल जाने को तैयार नहीं थी।
थानाध्यक्ष सैफई चंद्रदेव यादव ने बताया कि जूता चुराई के रुपयों को लेकर विवाद शुरू हुआ था। रिश्तेदारों के समझाने के बावजूद लड़की ससुराल जाने को तैयार नहीं थी, वह आशंका जता रही थी कि वहां मारपीट की जाएगी। इससे दोनों पक्षों ने लेनदेन की वापसी कर समझौता कर लिया। बरात बिना दुल्हन के ही लौटी है।
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