ईरान द्वारा जहाज बंधक बनाने के बाद उन्हें कैसे रखा गया, बाकी 16 भारतीय कहां हैं? रिहा होकर आईं एन टेसा जोसेफ ने बताया पूरा वाकया

रान द्वारा जब्त किए गए मालवाहक जहाज के भारतीय क्रू मेंबर्स में शामिल एन टेसा जोसेफ गुरुवार को केरल के कोट्टायम में अपने घर पहुंच गईं हैं. उन्होंने केंद्र और उन सभी को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए काम किया. एन टेसा जोसेफ ने कहा, ईरानी अधिकारियों ने चालक दल के साथ अच्छा व्यवहार किया.

केरल की एन टेसा जोसेफ आखिरकार गुरुवार को भारत लौट आईं हैं. वे पांच दिन से ईरान में फंसी थीं. दरअसल, इजरायल के जिस मालवाहक जहाज एमएससी एरीज को ईरान नने कब्जे में लिया है. उसमें कुल 25 लोग सवार हैं और इनमें 17 भारतीय हैं

क्रू मेंबर्स में एकमात्र महिला डेक कैडेट के रूप में एन टेसा जोसेफ शामिल थीं. उनकी वापसी को भारत की महत्वपूर्ण सफलता के रूप में देखा जा रहा है. एन टेसा..जोसेफ ने भी केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है और विदेश मंत्रालय की खुलकर तारीफ की है. उन्होंने पूरे घटनाक्रम के बारे में भी जानकारी दी है.

बता दें कि इजरायल और ईरान संघर्ष के बीच संघर्ष चल रहा है. 13 अप्रैल को खबर आई कि इजरायल के मालवाहक जहाज एमएससी एरीज को ओमान की खाड़ी से गुजरते वक्त ईर… शिप में सवार क्रू मेंबर्स समेत 25 लोगों को भी ईरान ने बंधक बना लिया. इनमें एक महिला कैडेट समेत 17 भारतीय स्टाफ भी शामिल हैं. मामला संज्ञान में आया तो भारत सरकार भी एक्टिव हुई और ईरान सरकार से सीधे संपर्क किया. भारतीयों की वापसी की पहल की गई. सबसे पहले महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ को छोड़ा गया. 

महिला कैडेट एन टेसा जोसेफ गुरुवार (18 अप्रैल) को भारत लौट आई हैं. वे केरल के कोचीन एयरपोर्ट उतरीं. यहां उनका रीजनल पासपोर्ट अधिकारी ने स्वागत किया. उस… वे केरल के कोचीन एयरपोर्ट उतरीं. यहां उनका रीजनल पासपोर्ट अधिकारी ने स्वागत किया. उसके बाद वो कोट्टायम में अपने घर पहुंचीं. जोसेफ ने बताया कि जहाज बंधक बनाने के बाद कैसे सभी को रखा गया और बाकी 16 भारतीय कहां हैं? उन्होंने कहा, , ईरानी अधिकारियों ने चालक दल के साथ अच्छा व्यवहार किया. उन्होंने केंद्र और उन सभी को धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए काम किया. 

‘ना खाने की दिक्कत रही, ना रहने की’

ऐन टेसा ने कहा, मुझे कई लोगों को धन्यवाद देना है. सबसे पहले और मुख्य रूप से विदेश मंत्रालय के सीधे हस्तक्षेप के कारण मुझे इतनी जल्दी रिहाई मिली है. सिर्फ उन्होंने ही नहीं, बहुत से ऐसे लोगों ने भी इसके लिए काम किया जिन्हें मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं जानती.मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी घटना घटेगी. मैं जानती थी कि युद्ध चल रहा है, लेकिन इसकी उम्मीद नहीं थी. भले ही ईरान ने जहाज को जब्त कर लिया, लेकिन उन्होंने हमारे क्रू मेंबर्स के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया. खाने की कोई दिक्कत नहीं थी. मेस में खाना बना सकते थे, अनाउंसमेंट करा देते थे- हमें खाना खान… और वापस केबिन में जाना है. उन्होंने हमें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. उनका क्रू को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. वहां मेरे समेत चार केरलवासी थे.अब वहां 16 भारतीय बचे हैं. जब कल वाणिज्य दूतावास से बात की तो जानकारी दी गई कि शीघ्र रिहाई होगी. केंद्र सरकार पुरजोर कोशिश कर रही है.

‘मैं फिर अपने काम पर लौटूंगी’

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस घटना के बाद वो फिर से वापसी करेंगी? इस पर उन्होंने कहा, मैंने यह नौकरी इसलिए की क्योंकि मैं इस क्षेत्र में काम करना चाहती थी. इसलिए, मैं निश्चित रूप से इस क्षेत्र में काम करने के लिए वापस जाऊंगी. ऐन टेसा का कहना था कि 25 लोगों में से मैं अकेली महिला थी और मैं अकेली हूं, जो वापस आई हूं. मैं निश्चित रूप से वापस जाऊंगी, क्योंकि यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे मैंने अपनी गहरी रुचि के कारण चुना है.

‘इजरायल और ईरान के बीच बढ़ गया तनाव’

भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने मंगलवार को इंडिया टुडे को बताया था कि जहाज में सवार सभी 17 भारतीय सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि खाड़ी में मौसम की स्थिति अच्छी नहीं है और मौसम साफ होने पर जहाज पर मौजूद भारतीयों को घर भेज दिया जाएगा. ईरान द्वारा इजरायल पर 300 से ज्यादा मिसाइलें और ड्रोन दागे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. अब इजरायल ने जवाबी कार्रवाई में ईरान पर अटैक किया है.

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