शामली के पंजाबी कॉलोनी में भजन गायक अजय पाठक के शिष्य और शार्गिद ने ही अपने गुरु अजय और उनकी पत्नी और दो बच्चों की बेरहमी से हत्या कर मौत की नींद सुला दिया। दस साल के मासूम के शव को गुरु की कार में डालकर पानीपत ले गया।
आधी रात को जब पूरा देश नए साल के जश्न में डूबा था तब आरोपी कार समेत मासूम के शव को जलता हुआ देख रहा था। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
सबसे पहले अजय को मारा और सबसे बाद में बेटे को
एसपी विनीत जयसवाल के अनुसार हिमांशु ने सबसे पहले पहली मंजिल पर बने कमरे में सो रहे अजय पाठक पर हमला किया और कई वार किए। इसके बाद उसी कमरे में दवाई लेकर सो रही उनकी पत्नी स्नेहा को निशाना बनाया तलवार और चाकू से वार कर मार डाला।
इसके बाद हिमांशु को शक हुआ कि कहीं पास में ही दूसरे कमरे में सो रहे अजय के बेटे भागवत और बेटी वसुंधरा को तो वारदात की जानकारी नहीं हो गई, इसलिए हिमांशु में कमरे में सो रही अजय पाठक की 12 साल की बेटी वसुंधरा पर कई प्रहार कर उसे भी मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उसने अजय के 10 साल के बेटे भागवत की गला दबाकर हत्या कर दी।
यह था आरोपी हिमांशु का इरादा
एसपी के अनुसार हिमांशु ने बताया कि चारों की हत्या करने के बाद उसका इरादा चारों शवों को अजय की गाड़ी में छिपाकर कहीं नष्ट कर देने का था।इसलिए उसने अजय की गाड़ी को मकान के बाहर लगाकर पहली मंजिल से भागवत और वसुंधरा का शव नीचे घसीटता हुआ लाया। भागवत का शव कार की डिग्गी में डाल दिया, लेकिन वसुंधरा का शव भारी होने की वजह से वह उठ नहीं सका।
एसपी के अनुसार हिमांशु ने बताया कि चारों की हत्या करने के बाद उसका इरादा चारों शवों को अजय की गाड़ी में छिपाकर कहीं नष्ट कर देने का था।इसलिए उसने अजय की गाड़ी को मकान के बाहर लगाकर पहली मंजिल से भागवत और वसुंधरा का शव नीचे घसीटता हुआ लाया। भागवत का शव कार की डिग्गी में डाल दिया, लेकिन वसुंधरा का शव भारी होने की वजह से वह उठ नहीं सका।
जाग हुई तो डर के मारे वापस कमरे में रखे तीन शव
वारदात के बाद चारों शव ठिकाने लगाने की कशमकश के दौरान दिन निकल चुका था। गली में आवाजाही देख उसने वसुंधरा का शव वापस कमरे में ले जाकर रख दिया, उस पर रजाई डाली और कमरे को बाहर से ताला लगा दिया।
वारदात के बाद चारों शव ठिकाने लगाने की कशमकश के दौरान दिन निकल चुका था। गली में आवाजाही देख उसने वसुंधरा का शव वापस कमरे में ले जाकर रख दिया, उस पर रजाई डाली और कमरे को बाहर से ताला लगा दिया।
इसके बाद वह फिर से अजय और स्नेहा के कमरे में गया और उनके शवों पर कंबल ढक दिया और सभी के मोबाइल अपने साथ ले गया। हिमांशु ने हड़बड़ी में मकान की तलाशी भी ली। पत्नी स्नेहा की अलमारी खोलकर उसने बैग निकाला और कमरा बाहर से बंद कर चला गया।
मासूम भागवत का शव गाड़ी मे लेकर आरोपी हिमाशु पहले मेरठ रोड पर गया। इसके बाद कैराना होते हुए दिल्ली और फिर पानीपत आया। यहां पहुंचने से पहले पुलिस उसकी मोबाइल लोकेशन सर्विलांस पर लगा चुकी थी।
आरोपी भी यह भांप चुका था कि वह पुलिस द्वारा ट्रेस किया जा चुका है। इसलिए उसने सबूत नष्ट करने के लिए पेट्रोल खरीदा और जंगल में गाड़ी खड़ी कर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया।
गाड़ी की डिग्गी में रखा मासूम भागवत का शव गाड़ी के साथ साथ धूंधूकर जल रहा था कि पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस के अनुसार गाड़ी और उसमें रखा शव एक तरफ जल रहा था और पास ही आरोपी हिमांशु हाथ बांधे खड़ा था।
पानीपत पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर शामली पुलिस के सुपुर्द कर दिया। घटना के वक्त आरोपी ने जो कपड़े पहने थे वह कपड़े और जूते भी खून से सने हुए बरामद हो गए हैं।
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