नई दिल्ली। अगर आप कोरोना संक्रमित हुए हैं और इस जानलेवा वायरस को मात दे चुके हैं तो यह खबर आपके काम की है। कोरोना से ठीक होने वाले लोगों में कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं। ताजा रिसर्च किडनी से जुड़ा है. नए अध्यन में जो तथ्य सामने आए हैं वह काफी चौंकाने वाले हैं। जर्नल ऑफ द अमेरिकन सोसाइटी ऑफ नेफ्रोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट में यह कहा गया है कि कोरोना की वजह से अस्पताल गए मरीजों या हल्के लक्षण वाले संक्रमितों में किडनी से जुड़ी समस्याएं सामने आ रही हैं। ये समस्याएं कोरोना से ठीक हुए मरीजों में आ रहीं हैं। अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह अंतिम स्टेज की किडनी की बीमारी हो सकती है। कई विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि किडनी डैमेज होने के कारण कई अन्य अंग भी प्रभावित हो रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक वाशिंगटन यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में कहा गया है कि किडनी खराब होने के मामले बढ़ते जा रहे हैं लेकिन इसके लक्षणों के बारे में पता नहीं चलता।
साइलेंट बीमारी बनती जा रही है
शोधकर्ताओं ने डाटा का विश्लेषण करने के बाद कहा, 90 प्रतिशत लोग इस बात से अंजान हैं कि उनकी किडनी ने सही तरीके से काम करना कम कर दिया है। यानी किडनी फंक्शन बहुत कम हो गया है। शोध में यह भी पता चला कि किडनी के इस तरह खराब होने के लक्षणों का पता चलता ही नहीं है। फोर्टिस अस्पताल में नेफ्रोलॉजी एंड किडनी ट्रांसप्लांट के डाइरेक्ट डॉ. संजीव गुलाटी भी मानते हैं कि किडनी खराब होने के लक्षण नहीं दिखते। डॉ. गुलाटी ने कहा, 70 से 80 प्रतिशत तक किडनी काम करना बंद कर देती है, जबकि इस बात की आपको भनक तक नहीं लगती। डॉ. गुलाटी कहते हैं, किडनी खराब होने के कोई लक्षण नहीं हैं। इसलिए बाद में इसका इलाज मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह साइलेंट किलर की तरह काम करने लगी है।
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