नई दिल्ली। भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत की बहुत सारी समस्याएं सीधे तौर पर अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए समर्थन के कारण हैं। केंद्रीय मंत्री ने एक कार्यक्रम के दौरान चीन, पाकिस्तान, अमेरिका सहित कई मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी।
पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों पर बोलते हुए जयशंकर ने दावा किया कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सुचारू बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे अधिक मेहनत की है। विदेश मंत्री ने यह सवाल भी किया अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही प्रधानमंत्री ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया। उन्होंने हर संभव कोशिश की, लेकिन क्या गलत हुआ? अपने ही सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उरी, पठानकोट और पुलवामा को रोकने में पाकिस्तान नाकाम रहा। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि भारत पर पाकिस्तान की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस पर राष्ट्रीय सहमति है। पाकिस्तान हमेशा भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक संबंध चाहता है। हमने लगातार रचनात्मक जुड़ाव और परिणाम की वकालत की है। पाक ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर विवाद सहित सभी मुद्दों को हल करने के लिए हमने बातचीत की है।
विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की नई दिल्ली के साथ फिर से जुड़ने की इच्छा के बीच यह बयान जारी किया गया । बयान पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा वह भारत-पाकिस्तान संबंधों को सुधारने की किसी की इच्छा को कम नहीं करना चाहते हैं। लेकिन उन अच्छे शब्दों को जमीन पर कार्रवाई के साथ मेल खाना चाहिए। निराशावादी होने से इनकार करते हुए जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान सरकार अभी भी नई है। कोई केवल यह देखने के लिए इंतजार कर सकता है कि वह राज्य पर शासन करना कैसे चुनती है।
यह टिप्पणी पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा जम्मू-कश्मीर में चरमपंथियों को भड़काने और हथियार देने और घाटी में शांति भंग करने के मद्देनजर आई है। इसके अलावा अमेरिका पर कटाक्ष जो बिडेन प्रशासन के बयान के दो दिन बाद ही आया है, जिसमें बार-बार आतंकवाद के प्रति जीरो टालरेंस की बात कही गई। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन, इस्लामाबाद के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीकों को इस तरह से देखेगा जो दोनों देशों के पारस्परिक हितों की मदद करते हों। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने गुरुवार को पाकिस्तान को अमेरिका का सहयोगी करार दिया था।
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