अक्षय तृतीया: क्यों होती है मां लक्ष्मी की पूजा? सोना खरीदना मानते हैं शुभ

यूनिक समय, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हर एक तिथि और व्रत का अपना महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। देश के कई राज्यों में अक्षय तृतीया के पर्व को अबूझ मुहूर्त और आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है।

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करना शुभ होता है। माना जाता है कि जो लोग अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदते हैं, उनके घर-परिवार में सुख-शांति और धन-धान्य का वास होता है। आइए जानते हैं अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

कब है अक्षय तृतीया?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख मास की तृतीया तिथि का आरंभ 10 मई को प्रात: काल 04:17 से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 11 मई 2024 को देर रात 02:50 पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त 05:33 से लेकर दोपहर 12:18 तक है।

अक्षय तृतीया का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। इसलिए सालभर जिनकी शादी या सगाई के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं मिलता है। वो लोग इस दिन शादी या फिर कोई भी मांगलिक कार्य करते हैं। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त में किए गए सभी कार्यों का फल शुभ ही मिलता है। मान्यता है कि जिन लोगों की शादी अक्षय तृतीया के दिन होती है, उन पर सदा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। उनके दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहती है।

जिन लोगों के जीवन में बार-बार परेशानियां आ रही होती हैं, अगर वो अक्षय तृतीया के दिन धन की देवी की आराधना करते हैं, तो उनके जीवन में आ रही परेशानियां धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। साथ ही उनकी कुंडली में धन के योग बनने लगते हैं।

 

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