
यूनिक समय। लगातार जो घटनाक्रम सामने आ रहे हैं। उसको देखकर इंडिया गठबंधन को लेकर सवाल उठने लगे हैं। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच विवाद चरम पर है। कारण है पंजाब में कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी होना। वहीं, सपा भी छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ने की ओर बढ़ रही है। बिहार में आरजेडी और जेडीयू में कुछ ठीक नहीं है। वहीं, अधीर रंजन और ममता बनर्जी की कलह के बीच एनडीए भी अपना कुनबा लगातार बढ़ा रहा है। जिसको देख लग रहा है कि शायद कुछ ही दिन इंडिया गठबंधन चलेगा।
विपक्ष का नहीं बन पा रहा है आपस में तालमेल
2019 में एनडीए को टक्कर देने के लिए अलायंस बनाए जाने की चर्चा हुई थी। तेलुगुदेशम पार्टी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू और बीआरएस नेता केसीआर ने काफी कोशिशें की थी। लेकिन दोनों तमाम प्रयासों के बाद भी विपक्ष को एकजुट नहीं कर पाए। लेकिन इस बार की तस्वीर कुछ और है। ये दोनों नेता अब शांत हैं। वहीं, नीतीश कुमार को लेकर भी आरजेडी को खास भरोसा नहीं है। जिसके कारण आए दिन नीतीश को बताना पड़ता है कि वे विपक्ष के साथ हैं।
नीतीश कुमार को लेकर लगातार अटकलें चलती हैं। चाहे इंडिया का कन्वीनर बनने पर लालू यादव का बयान हो या जी20 में उनका पीएम मोदी के साथ होना। राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेपी) नेता उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू में टूट को लेकर बयान दे दिया था। कहा था कि टूट होगी, भले ही टुकड़ों में हो। कुछ देर बाद ही रणवीर नंदन ने जेडीयू को छोड़ दिया। कहा कि देशहित में नीतीश को पीएम मोदी के साथ मिलकर काम करना चाहिए। कहीं न कहीं नीतीश पर भी बीजेपी के साथ आने का दबाव है।
हिंदुस्तान आवाम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी के असंतुष्ट होने के बाद कुशवाहा ऐसे लीडर हैं, जो एनडीए में आ चुके हैं। जेडीयू में लगातार नीतीश को पीएम कैंडिडेट बनाए जाने की मांग उठती रही है। लेकिन ऐसा नहीं होने की खीज कहीं न कहीं नीतीश की कांग्रेस पर है। विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश नीतीश ने की थी। लेकिन अब आगे कांग्रेस आ गई है। जिससे नीतीश ठिठके हुए हैं।
कांग्रेस नहीं चाहती हिन्दुओं की नाराजगी
इंडिया गठबंधन की पहल नीतीश ने शुरू की थी। कांग्रेस भी शुरू में खुश थी। लेकिन अब लगातार गठबंधन को ताक पर रख काम किया जा रहा है। शुरू में था कि कांग्रेस बीजेपी को रोकने के लिए किसी भी स्तर पर जा सकती है। लेकिन अब लग रहा है कि वह समझौता नहीं करेगी। इसका कारण है कर्नाटक में कांग्रेस का जीतना। वहीं, एमपी और राजस्थान के सर्वे भी पार्टी के लिए सही माने जा रहे हैं। मुंबई में गठबंधन की बैठक में फैसला हुआ था कि अगली बार भोपाल में मीटिंग होगी। लेकिन अब सूत्र बताते हैं कि मीटिंग को रद्द करवाने के पीछे कोई कांग्रेस नेता ही है। उदयनिधि के सनातन धर्म विरोधी बयान को लेकर भी कांग्रेस खुश नहीं है। वह हिंदुओं की नाराजगी नहीं चाहती है। वहीं, सीट शेयरिंग को लेकर भी अभी स्थिति नहीं बन रही है।
आम आदमी पार्टी गठबंधन टूटने का कारण हो सकती है। पंजाब में जिस तरह 8 साल बाद कांग्रेस विधायक के खिलाफ कार्रवाई हुई है। उससे लग रहा है कि कहीं न कहीं गठबंधन पर असर हो सकता है। वहीं, सुखपाल खैरा ने बुधवार को एक पोस्ट डाली थी। जिसमें राघव चड्ढा से शादी को लेकर पूछा था। सवाल था कि आय से 10 गुना कीमत वाली अंगूठी कैसे दी। जिसके कुछ घंटों बाद खैरा को अरेस्ट करना गठबंधन के लिए खतरा बन सकता है। आप पंजाब में अब तक पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु, साधु सिंह धर्मसोत को जेल भेज चुकी है। मामले में, पूर्व उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी और सुंदर शाम अरोड़ा भी सलाखों के पीछे जा चुके हैं।
बताया जा रहा है कि संगत सिंह गिलजियां और मनप्रीत सिंह बादल के अलावा भरत इंदर चहल के खिलाफ एक्शन की तैयारी हो रही है। विधायक सतकार कौर, कुशलदीप सिंह ढिल्लों को अरेस्ट करने के बाद लग रहा है कि लगातार आप कांग्रेस पर शिकंजा कस सकती है।
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