विमानों का रंग क्यों सफेद होता है, वजन से लेकर सुरक्षा तक ​​में निभाता है खास रोल

नई दिल्ली। एयर इंडिया, इंडिगो या स्पाइसजेट आपने अधिकतर एयरलाइंस के विमानों का रंग सफेद देखा होगा। दुनियाभर में इस्तेमाल किए जा रहे ज्यादातर विमानों का रंग सफेद होने के पीछे कुछ खास वजह हैं। विमान की सुरक्षा से लेकर मेंटेनेंस तक में सफेद रंग अधिक कारगर साबित होते हैं। इससे विमान ऑपरेट करने की लागत कम होती है और सुरक्षा भी अधिक मिलती है। सफेद रंग विमान का वजन कम रखने में भी मदद करता है। आगे पढ़ें विमानों को सफेद रंग से रंगने से होने वाले फायदे के बारे में…

पेंट से विमान के वजन में 272-544 किलोग्राम तक की वृद्धि होती है। विमान का वजन जितना अधिक होगा उसे उड़ान में उतना अधिक इंधन लगेगा। इसलिए वजन कम रखने की हर संभव कोशिश की जाती है। सफेद रंग से रंगने पर कम मात्रा में पेंट की जरूरत होती है। इससे वजन कम करने के साथ ही पैसे की भी बचत होती है।

सफेद रंग दूसरे रंगों की तुलना में जल्द फेड नहीं होता इसके चलते सफेद रंग के विमान को फिर से पेंट करने की जरूरत अधिक समय बाद पड़ती है। बोइंग 747 जैसे बड़े आकार के विमान को पेंट करने में करीब 545.53 लीटर पेंट लगता है। वहीं, बोइंग 767 को रंगने के लिए 409.15 लीटर पेंट की जरूरत होती है। एक कमर्शियल एयरलाइन को पेंट करने में 50 हजार से 2 लाख डॉलर तक खर्च होता है। एयरलाइन बदलने पर विमान का रंग सफेद होने से लाभ होता है। विमान को दूसरे एयरलाइंस के रूप में बदलने में कम पैसे खर्च होते हैं।

सफेद रंग विमान को ठंडा रखने में मदद करता है। इसके चलते विमान सूर्य की रोशनी से गर्मी कम सोखता है। जिस तरह सफेद कपड़े हमें गर्मी में राहत देते हैं उसी तरह सफेद रंग विमान को ठंडा रखता है। सफेद रंग सूर्य की अधिकतर गर्मी को परावर्तित कर देता है। इसलिए उसे ठंडा रखने के लिए कम एनर्जी खर्च करनी पड़ती है।

आधुनिक विमानों का निर्माण कम्पोजिट मटेरियल से होता है। इसे सूरज की रोशनी और UV रेडिएशन से अधिक सुरक्षा की जरूरत होती है। सफेद रंग इसके लिए सबसे अधिक उपयुक्त है। विमान सफेद रंग का हो तो मेंटेनेंस क्रू को नुकसान का पता लगाने में आसानी होती है। तेल का रिसाव, क्रैक और अन्य तरह के नुकसान का पता लगाना आसान होता है।

सफेद विमान को आसमान में उड़ रहे पक्षी दूर से आसानी से देख लेते हैं, जिससे वे विमान से दूर रहते हैं और विमान से पक्षियों के टकराने की संभवना कम होती है। विमान अगर गहरे रंग का हो तो पक्षियों को उसे देखने में परेशानी हो सकती है। वहीं, हादसे के बाद चलाए जाने वाले खोज और बचाव अभियान के दौरान भी विमान के सफेद रहने पर उसे तलाश करने में मदद मिलती है।

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