
यूनिक समय, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 फरवरी को प्रयागराज के महाकुंभ में स्नान किया। इस दिन का चयन केवल एक संयोग नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 फरवरी को माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे विशेष रूप से ध्यान, तप और साधना के लिए शुभ माना जाता है।
इस तिथि का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है, क्योंकि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, माघ माह में की गई आध्यात्मिक क्रियाएं कई गुना अधिक फलदायी मानी जाती हैं। इस दिन का संबंध भीष्म पितामह से भी जुड़ा हुआ है, जिनका निधन महाभारत युद्ध के बाद माघ अष्टमी को हुआ था, जब वे सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी का 5 फरवरी को महाकुंभ में स्नान करना उनकी भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति गहरी श्रद्धा को दर्शाता है। इस दिन को विशेष रूप से पितरों को तर्पण अर्पित करने और मोक्ष का आशीर्वाद प्राप्त करने का दिन भी माना जाता है। इस महत्वपूर्ण दिन पर स्नान करने से ना केवल व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि यह उनके जीवन में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है।
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