कोरोना कालः सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बने मुस्लिम छा़त्र, घर तक पहुंचा रहे ऑक्‍सीजन सिलेंडर

नई दिल्‍ली। देश में जिस समय हर तरफ ऑक्‍सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है, वहीं कुछ छात्र कोरोना के इस काल में मसीहा बनकर सामने आए हैं। मुसलिम समाज के ये छात्र रोजे के दौरान हो आइसोलेट मरीजों के घर पर ऑक्‍सीजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं. उनकी खिदमत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, जिस वक्त तड़के रमजान में सहरी का समय होता है, उस वक्‍त भी ये छात्र लोगों की मदद करते रहते हैं।

कासिम उस्मानी मूलरूप से उत्तर प्रदेश के देवबंद के रहने वाले हैं. कासिम जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पढ़ाई कर रहा है। पढ़ाई करने के दौरान ही कासिम ने यूनाइट फॉर ह्यूमैनिटी नाम से एक ग्रुप तैयार किया था. इस ग्रुप से दिल्‍ली, उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान, गुजरात, जम्मू कश्मीर सहित अन्य राज्यों के अलग अलग विश्वविद्यालय के हजारों छात्र जुड़े हैं. कोरोना महामारी के दौर में जब राजधानी के हालात बेहद खराब हो गए हैं। ऐसे समय में ये छात्र कोरोना मरीजों तक ऑक्‍सीजन पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

पिछले एक सप्ताह में इस ग्रुप से जुड़े छात्रों ने दिल्ली-एनसीआर में करीब 200 लोगों को आक्सीजन सिलेंडर पहुंचाए हैं। कासिम ने बताया कि रमजान की वजह से अधिकतर छात्र रोजा रख रहे हैं. ऐसे में वह लोगों की मदद कर अच्‍छा महसूस कर रहे हैं।

सहरी छोड़कर पहुंचाया ऑक्‍सीजन
कासिम ने बताया कि ग्रुप की सदस्‍य और शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा तसनीम जफर के पास शनिवार रात तीन बजे नजफगढ़ के पास के इलाके एक युवती का फोन आया। उसने बताया कि उसकी मां का अक्सीजन लेवल 35 तक पहुंच गया है। उस समय तसनीम सहरी कर रही थीं. उन्होंने सहरी छोड़कर अपने तीन साथी मुजाहिद, माज और सैफ से मदद मांगी. सभी ने अपनी सहरी छोड़कर 30 किलोमीटर दूर रात में ही आक्सीजन पहुंचा दिया।

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